Personal Loan Tip: अगर आप भी हर महीने बढ़ती EMI का दबाव महसूस कर रहे हैं, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। बैंक और NBFCs ग्राहकों को एक खास सुविधा देते हैं जिसे कहते हैं Part Payment (पार्ट पेमेंट)। यह एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपनी लोन की अवधि घटाए बिना EMI बोझ कम कर सकते हैं। चलिए जानते हैं यह कैसे काम करता है और इसके फायदे-नुकसान क्या हैं।
क्या होता है Part Payment?
Part Payment का मतलब है — अपने लोन की कुछ रकम को एक साथ चुकाना। उदाहरण के लिए, अगर आपका ₹10 लाख का पर्सनल लोन चल रहा है और आपने ₹1 लाख एकमुश्त जमा कर दिया, तो आपका बाकी बकाया ₹9 लाख रह जाएगा। इससे आपकी EMI या लोन अवधि में कमी आती है। यह Prepayment (पूरी लोन चुकाने) से अलग है क्योंकि इसमें आप लोन का सिर्फ एक हिस्सा पहले चुका रहे होते हैं।
कैसे करें EMI कम
जब आप लोन का कुछ हिस्सा पहले चुका देते हैं, तो बैंक नए बकाया पर ब्याज की गणना करता है। इससे या तो आपकी EMI घट जाती है या फिर लोन की अवधि कम हो जाती है। अधिकांश बैंक ग्राहकों को दोनों में से कोई एक विकल्प चुनने की अनुमति देते हैं। अगर आप महीने की EMI कम करना चाहते हैं, तो बैंक EMI को एडजस्ट कर देता है। और अगर आप जल्दी लोन खत्म करना चाहते हैं, तो अवधि घटा दी जाती है।
पार्ट पेमेंट के बड़े फायदे
पार्ट पेमेंट करने से आपका ब्याज बोझ काफी घट जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने लोन के शुरुआती वर्षों में ही अतिरिक्त रकम चुकाई, तो आपके ब्याज की कुल लागत 20–30% तक कम हो सकती है। इसके अलावा आपकी क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है क्योंकि बैंक आपकी जिम्मेदारी और भुगतान क्षमता को पहचानता है। साथ ही, आपके ऊपर मासिक EMI का दबाव घट जाता है, जिससे बचत और निवेश के लिए ज्यादा पैसा बचता है।
किन लोन पर कर सकते हैं Part Payment
ज्यादातर बैंक और NBFCs पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन पर पार्ट पेमेंट की अनुमति देते हैं। हालांकि, शर्तें बैंक के अनुसार अलग-अलग होती हैं। कुछ बैंक केवल कम से कम 6 EMI भरने के बाद यह सुविधा देते हैं, जबकि कुछ में न्यूनतम भुगतान राशि तय होती है (जैसे कि ₹25,000 या कुल लोन का 10%)।
पार्ट पेमेंट के नुकसान भी जानें
पार्ट पेमेंट हमेशा फायदेमंद नहीं होता। कुछ बैंक प्रोसेसिंग चार्ज या पेनल्टी (1–3%) लगाते हैं, जिससे आपका फायदा थोड़ा कम हो सकता है। दूसरी बात, अगर आप अपने इमरजेंसी फंड से बड़ी रकम लोन चुकाने में लगा देते हैं, तो भविष्य में अचानक जरूरत पड़ने पर फाइनेंशियल दिक्कत हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप पार्ट पेमेंट करने से पहले अपनी फाइनेंशियल स्थिति का मूल्यांकन जरूर करें।
कैसे करें सही प्लानिंग
अगर आप पार्ट पेमेंट करने का सोच रहे हैं, तो कोशिश करें कि इसे लोन के शुरुआती सालों में करें क्योंकि उस समय EMI का बड़ा हिस्सा ब्याज में जाता है। इस तरह आप ब्याज पर सबसे ज्यादा बचत कर सकते हैं। हर पार्ट पेमेंट के बाद अपने बैंक से नई EMI और अमोर्टाइजेशन शेड्यूल जरूर लें ताकि आपको स्पष्ट हो कि आगे कितना ब्याज और प्रिंसिपल बाकी है।
Conclusion: Part Payment एक शानदार तरीका है EMI का बोझ कम करने का। इससे ब्याज खर्च घटता है, क्रेडिट स्कोर सुधरता है और लोन जल्दी चुकाने में मदद मिलती है। लेकिन इसे सोच-समझकर और सही समय पर करने की जरूरत है ताकि यह आपके लिए एक फायदेमंद कदम साबित हो सके।
Disclaimer: यह लेख सामान्य वित्तीय जानकारी के लिए है। लोन पार्ट पेमेंट से जुड़ी शर्तें हर बैंक या NBFC में अलग-अलग हो सकती हैं। किसी भी निर्णय से पहले अपने बैंक से नियम, शुल्क और ब्याज दरों की जानकारी अवश्य प्राप्त करें।